आज विश्व मानवाधिकार दिवस है। हर साल 10 दिसंबर को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र ने की थी। इस दिन को सबसे पहले 1948 में मनाया गया था। 1948 में 48 देशों के समूह ने सभी मानव-जाति के मूलभूत अधिकारों की व्याख्या करते हुए हस्ताक्षर किए थे। 1993 में एनएचआरसी अर्थात राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग अस्तित्व में आया था। भारत के संविधान के भाग-3 में 6 मौलिक अधिकारों को शमिल किया गया है। जिसमें, समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरूद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, शिक्षा और संस्कृति संबंधी अधिकार तथा संवैधानिक उपचारों का अधिकार शामिल हैं। राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व मानवाधिकार दिवस की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की परम्परा रही है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान में नागरिकों को जीवन की सुरक्षा के साथ ही समानता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया गया है। उन्होंने सभी से मानवाधिकारों के प्रति जागरूक होकर अपने कर्तव्यों को निष्ठापूर्वक सम्पादन करने की भी अपेक्षा की है।
More Stories
भीमताल बस हादसा :- सीएम ने जताया गहरा दुःख,मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख ₹ मदद की घोषणा
स्वास्थ्य विभाग में गैरहाजिर चल रहे 158 चिकित्सक बर्खास्त,राज्य सरकार ने डाक्टरों के बर्खास्तगी प्रस्ताव को दी मंजूरी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न से अलंकृत स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उत्तराखण्ड निवास नई दिल्ली में उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनका भावपूर्ण स्मरण किया