November 20, 2024

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के थानो में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्य, संस्कृति एवं कला महोत्सव ‘स्पर्श_हिमालय_महोत्सव_2024’’ का शुभारंभ किया

पूर्व राष्ट्रपति Ram Nath Kovind, राज्यपाल गुरमीत  सिह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के थानो में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्य, संस्कृति एवं कला महोत्सव ‘स्पर्श_हिमालय_महोत्सव_2024’’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के पहले हिमालयी ‘‘#लेखक_गाँव’’ का लोकार्पण किया। थानो स्थित इस लेखक गांव में लेखक कुटीर, संजीवनी वाटिका, नक्षत्र और नवग्रह वाटिका, पुस्तकालय, कला दीर्घा, योग-ध्यान केंद्र, परिचर्चा केंद्र, गंगा और हिमालय का मनमोहक संग्रहालय बनाया गया है। लेखक गाँव में आकर लेखक एक ही स्थान पर प्रकृति, संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान से साक्षात्कार कर विविध विषयों पर चिंतन के लिए नए दृष्टिकोण प्राप्त कर सकेंगे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि लेखन में एक अद्भुत क्षमता होती है लिखने, पढ़ने और पढ़ने मात्र से आप किसी के जीवन में चमत्कार ला सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि यह मंच उन लेखकों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो अपने शब्दों के माध्यम से समाज को नई राह दिखाने का सामर्थ्य रखते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड अनेक विद्वत लेखकों की जन्मभूमि रही है, ‘‘लेखक गाँव’’ जैसी पहले हमें इन महान लेखकों की विरासत को आगे ले जाने में मदद करेगी। इस ‘‘लेखक गाँव’’ की स्थापना हमारी उस परंपरा का जीवंत प्रमाण है, जो हमें साहित्य के माध्यम से हमारी जड़ों से जोड़ती है और हमें आत्म-चिंतन के नए आयाम प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड सदियों से रचनात्मकता का अद्भुत केंद्र रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार साहित्य और संस्कृति के संरक्षण तथा प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है।

इस महोत्सव में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, इस महोत्सव के संयोजक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘‘निशंक’’ सहित देश के विभिन्न प्रदेशों सहित 40 से अधिक देशों के साहित्य, संस्कृति और कला के क्षेत्र की अनेक विभूतियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने ‘‘हिमालय में राम’’ पुस्तक का भी विमोचन किया। ‘‘लेखक गाँव’’ की इस पहली रचना को पूर्व सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा लिखा गया है।