November 20, 2024

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चारधाम यात्रा : जमी बर्फ को हटाने का जिम्मा भारतीय सेना के बहादुर जवानों ने उठाया

उत्तराखंड के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक, हेमकुंट साहिब की यात्रा के लिए तैयारियां इस समय चरम पर हैं। बदरीनाथ धाम के साथ-साथ, हेमकुंट साहिब के लिए भी यात्रियों की आवाजाही शुरू होने वाली है। इस वर्ष, यात्रा मार्ग पर जमी बर्फ को हटाने का जिम्मा भारतीय सेना के बहादुर जवानों ने उठाया है। इस कार्य में उनका साथ दे रहे हैं 15 निष्ठावान सेवादार, जो गुरुवार को हेमकुंट साहिब पहुंच चुके हैं।

यात्रा की तैयारियों का एक मुख्य भाग है यात्रा मार्ग से बर्फ हटाना, जो कि हर वर्ष एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। इस वर्ष, भारतीय सेना के 35 जवानों ने इस कठिन कार्य को अंजाम दिया है। उन्होंने न केवल बर्फ हटाई है, बल्कि यात्रा मार्ग को सुरक्षित और चलने योग्य बनाने के लिए अन्य आवश्यक मरम्मत कार्य भी किए हैं।

हेमकुंट साहिब एक उच्च हिमालयी गुरुद्वारा है, जो 4632 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसे सिख धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में गिना जाता है। यहां पहुंचने के लिए गोविंदघाट से एक कठिन पैदल यात्रा करनी पड़ती है, जो यात्रियों के लिए आस्था की परीक्षा भी है। इस वर्ष, यात्रा के लिए कपाट 25 मई को खोले जाएंगे, जिसके लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं1।

यात्रा की तैयारियों में शामिल हैं आवासीय सुविधाओं का निर्माण, खाने-पीने की दुकानों की स्थापना, और चिकित्सा शिविरों की व्यवस्था। इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर सुरक्षा उपायों को भी मजबूत किया जा रहा है। यात्रियों की सुरक्षा और सहायता के लिए विशेष टीमें तैनात की जा रही हैं।

इस पवित्र यात्रा के लिए उत्साह और आस्था का माहौल हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी देखने को मिल रहा है। यात्रियों का कहना है कि यह यात्रा उनके लिए केवल एक तीर्थ यात्रा नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और संतोष का स्रोत भी है। यात्रा की तैयारियों में जुटे सभी लोगों का उत्साह और समर्पण इस बात का प्रमाण है कि यह यात्रा कितनी महत्वपूर्ण है।