उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा में ‘समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024’ विधेयक पेश किया। इस विधेयक को जल्द ही सदन की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। राज्यपाल की अनुमति के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा। इससे उत्तराखंड गोवा के बाद देश का दूसरा राज्य होगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी।
इस विधेयक में 182 पन्नों पर विवाह, तलाक, विरासत और लिव इन रिलेशनशिप से जुड़े नियम-कानूनों का वर्णन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक बुराइयों को खत्म करने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है।
इस विधेयक के तहत, विवाह की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और 18 वर्ष होगी, बहुविवाह और हलाला प्रतिबंधित होंगे, तलाक के बाद महिलाओं को गुजारा भत्ता और विरासत में बराबर हिस्सा मिलेगा, धर्म परिवर्तन के बिना तलाक नहीं होगा, विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा, और विवाह के धार्मिक/सामाजिक विधि-विधानों में कोई बदलाव नहीं होगा।
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