उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में एक ऐतिहासिक घोषणा की है, जिसके अनुसार उत्तराखंड से शुरू होकर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की ‘गंगा’ पूरे देश में बहेगी1। इस घोषणा के साथ, उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड को इस ऐतिहासिक कदम को उठाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, जिससे प्रत्येक उत्तराखंडी गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी को देश के लिए एक मील का पत्थर बताया है, जो विषमताओं को दूर करने और समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र निर्माण और भारत को विश्व गुरु बनाने के अभियान की एक छोटी सी आहुति के रूप में भी वर्णित किया1।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उन्होंने 70 साल तक राष्ट्रनीति की बजाय तुष्टिकरण की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने डॉ. बी.आर. आंबेडकर के यूसीसी के सपने को तुष्टिकरण के लिए पूरा नहीं किया और सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न मामलों में दिए गए आदेशों को भी नहीं माना। उन्होंने यह भी कहा कि अब भाजपा यूसीसी के माध्यम से संतुष्टीकरण का काम करेगी1।
यूसीसी के लागू होने से महिलाओं और बेटियों के अधिकारों की सुरक्षा होगी, और उनके साथ होने वाले भेदभाव, अन्याय और कुरीतियों को दूर किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी मां ने उनसे पूछा था कि इस बार विधानसभा सत्र जल्दी क्यों हो रहा है, जिस पर उन्होंने यूसीसी के महत्व को समझाया और उनकी मां ने कहा कि इस कानून को तो सबसे पहले लाना चाहिए था1।
इस प्रकार, उत्तराखंड से शुरू होकर यूसीसी की गंगा देश के कोने-कोने तक जाएगी, जिससे भारत में समानता और न्याय की एक नई धारा प्रवाहित होगी।
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