केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री Amit Shah ने कहा है कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस ITBP और सेना के जवान जब तक सीमा पर तैनात हैं, तब तक देश की एक इंच भूमि पर कोई भी कब्जा नहीं कर सकता है। वे आज देहरादून में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के 62वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा में आईटीबीपी की भूमिका की सराहना की। गृह मंत्री ने देश की सुरक्षा के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष-2014 तक भारत-चीन सीमा पर औसतन चार हजार करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय होता था, लेकिन पिछले नौ वर्ष में यह बढ़कर बारह हजार तीन सौ चालीस करोड़ रुपये हो गया है। सीमावर्ती गांवों के विकास पर बल देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने वाइबें्रट विलेज योजना शुरू की है, ताकि सीमावर्ती गांवों से पलायन रोका जा सके। इस योजना के तहत सरकार ने बिजली, सड़क, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए चार हजार आठ सौ करोड़ रुपये का बजट दिया है। उन्होंने कहा कि देश की 168 गांवों की सड़को का डीपीआर तैयार हो चुका है और जल्द ही ये सभी गांव सड़क, बिजली, दूरसंचार और स्वास्थ्य सुविधाओं से जुडेंगें। गृह मंत्री ने बताया कि पिछले नौ सालों में देश की आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में ढेर सारा बदलाव हुआ है। जम्मू कश्मीर में 370 समाप्त करने के बाद आतंकवाद को पूरी तरह से काबू करने में देश को सफलता मिली है। इसके साथ ही वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में भी 80 फीसदी की कमी दर्ज की गयी। इस अवसर पर उन्होंने आईटीबीपी के पदक विजेता अधिकारियों और विजेता बटालियनों को पदक और ट्रॉफियां प्रदान कीं।
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