उत्तराखंड की राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मची हुई है। बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजेंद्र भण्डारी ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया है। उनके इस कदम ने राज्य की राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म दिया है। राजेंद्र भण्डारी, जिन्होंने पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को हराकर चुनाव जीता था, अब उसी बीजेपी में शामिल हो गए हैं1।
इस घटनाक्रम को उत्तराखंड कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा के बाद से ही पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है, जो रुकने का नाम नहीं ले रहा1। भण्डारी के इस्तीफे के बाद, उन्होंने दिल्ली में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अनिल बलूनी की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की। भण्डारी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश की प्रगति में योगदान देना चाहते हैं1।
इस बदलाव के साथ ही, उत्तराखंड कांग्रेस में और भी कई नेताओं के पार्टी छोड़ने की खबरें हैं। यह घटनाक्रम पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण समय का संकेत दे रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह पार्टी के आंतरिक संघर्ष और नेतृत्व की दिशा में असंतोष का परिणाम हो सकता है। इस तरह के राजनीतिक परिवर्तन उत्तराखंड की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे सकते हैं और आने वाले समय में इसके व्यापक प्रभाव हो सकते हैं।
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