उत्तराखंड में चुनावी प्रक्रिया के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता का प्रवर्तन किया गया है। इस दौरान, नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए, नकदी ले जाने पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। अगले ढाई महीनों के लिए, यदि आप किसी भी कारण से बड़ी मात्रा में नकदी ले जा रहे हैं, तो आपको उसका पूरा विवरण और उद्देश्य का रिकॉर्ड साथ रखना अनिवार्य होगा। यह उपाय चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए किया गया है।
आदर्श आचार संहिता चुनावों के दौरान उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों, और सरकारी मशीनरी के आचरण को नियंत्रित करने के लिए एक नैतिक और नियामक ढांचा प्रदान करती है। इसका उद्देश्य चुनावी प्रचार को स्वच्छ और निष्पक्ष बनाना है, ताकि सत्ताधारी दलों को अनुचित लाभ न मिल सके और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग रोका जा सके। यह संहिता चुनाव आयोग द्वारा लागू की जाती है और इसका पालन सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को करना होता है।
आचार संहिता के तहत, चुनावी घोषणाएँ, योजनाओं की शुरुआत, और सरकारी परियोजनाओं का उद्घाटन जैसे कार्य नहीं किए जा सकते। इसके अलावा, चुनाव प्रचार के लिए सरकारी वाहनों और संसाधनों का उपयोग वर्जित है। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनावी सभाओं, रैलियों, और जुलूसों के लिए पुलिस से अनुमति लेनी होती है। इसके अलावा, जाति या धर्म के आधार पर वोट मांगना या ऐसी किसी गतिविधि में शामिल होना जिससे सामाजिक तनाव पैदा हो, सख्ती से निषिद्ध है।
इस प्रकार, आदर्श आचार संहिता भारतीय लोकतंत्र में चुनावों की शुचिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इसका पालन करना न केवल राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है, बल्कि प्रत्येक नागरिक का भी कर्तव्य है। इसलिए, नकदी ले जाने के दौरान उसके उद्देश्य का पूरा विवरण साथ रखना चुनावी प्रक्रिया के प्रति आपकी जागरूकता और समर्थन को दर्शाता है।
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