भारत में श्वसन संबंधी बीमारी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। मंगलवार को आयोजित एक वर्चुअल बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने राज्यों से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) की निगरानी और समीक्षा करने की अपील की।
देश में अब तक एचएमपीवी के कुल सात मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें कर्नाटक से 2, गुजरात से 1 और तमिलनाडु से 2 मामले शामिल हैं। ये सभी मामले 3 महीने से लेकर 13 साल तक के बच्चों में पाए गए हैं। श्रीवास्तव ने कहा, “भारत श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों में किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। फिलहाल जनता को एचएमपीवी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।”
स्वास्थ्य सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि आमतौर पर सर्दियों के महीनों में श्वसन संबंधी बीमारियां बढ़ जाती हैं और राज्यों को इसके लिए विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने वायरस की रोकथाम के लिए लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की सलाह दी। इसके तहत बार-बार हाथ धोना, खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढककर रखें और संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क से बचने की सलाह दी है।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, एनसीडीसी, आईडीएसपी, आईसीएमआर और राज्य निगरानी इकाइयों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। आईडीएसपी के आंकड़ों के मुताबिक देश में फिलहाल आईएलआई या एसएआरआई मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं देखी गई है।
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