उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ रही हैं। यह आग इतनी विकराल हो चुकी है कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है । यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के सेंटिनल-2 सैटेलाइट द्वारा ली गई तस्वीरों में धुएं के गुबार के साथ भीषण आग को देखा जा सकता है। इस आग ने 814 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले पेड़ों और वन्यजीवों को जलाकर राख कर दिया है1।
इस आग की वजह से नैनीताल हाईकोर्ट कॉलोनी और भारतीय सेना के संवेदनशील क्षेत्र तक खतरा पहुंच गया है2। आग बुझाने के लिए भारतीय वायु सेना के MI-17 हेलिकॉप्टर की मदद ली जा रही है। वन विभाग और सेना के जवान आग पर नियंत्रण पाने में लगे हुए हैं। इस आग की वजह से नैनी झील में बोटिंग पर भी रोक लगा दी गई है2।
उत्तराखंड में जंगल की आग की घटनाओं में इस वर्ष भारी वृद्धि हुई है। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के डेटा के अनुसार, पिछले वर्ष की इसी समयसीमा के दौरान जंगल में आग लगने की 85 घटनाएं सामने आई थीं, जबकि इस वर्ष यह संख्या 300 से अधिक हो गई है । तापमान में बढ़ोत्तरी और सूखा पड़ने की वजह से जंगल में आग लगने की घटना में तेजी आई है।
इस आपदा के चलते, उत्तराखंड सरकार और वन विभाग ने आग बुझाने के लिए विशेष उपाय किए हैं। जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान और सुरक्षा उपायों पर जोर दिया जा रहा है। इस तरह की आपदाओं से निपटने के लिए समुदाय को भी जागरूक और सक्रिय रहने की जरूरत है। आगे चलकर, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग को और अधिक संसाधनों और तकनीकी सहायता की आवश्यकता होगी।
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