एम्स ऋषिकेश में विभिन्न घोटालों के मामले में सीबीआई ने पांच लोगों पर चार्जशीट दायर की है। इनमें एम्स के तीन प्रोफेसर, एक प्रशासनिक अधिकारी और एक लेखाधिकारी शामिल हैं। इन पर भ्रष्टाचार, षड़यंत्र और धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट में चार्जशीट पेश की है।
इससे पहले सीबीआई ने इस घोटाले के संबंध में एम्स के नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसमें एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के तत्कालीन प्रोफेसर डॉ. बलराम ओमर, एनाटॉमी विभाग के तत्कालीन प्रोफेसर डॉ. बृजेंद्र सिंह, तत्कालीन सहायक प्रोफेसर अनुभा अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी शाशिकांत, लेखाधिकारी दीपक जोशी, एम्स के तत्कालीन निदेशक डॉ. रवि कांत, तत्कालीन उप निदेशक डॉ. नीरज शर्मा, तत्कालीन वित्त अधिकारी डॉ. विनीत गुप्ता और तत्कालीन वित्त अधिकारी डॉ. अजय शुक्ला शामिल हैं।
सीबीआई के अनुसार, एम्स ऋषिकेश में रोड स्वीपिंग मशीन, दवा और केमिस्ट शॉप के आवंटन में करोड़ों का घोटाला किया गया था। इन घोटालों में एम्स के अधिकारियों ने टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएं की थीं। इसके अलावा, एम्स के अधिकारियों ने चिकित्सा उपकरणों की गलत खरीद में भी भाग लिया था। इसमें एम्स के निदेशक डॉ. रवि कांत ने अपने बेटे की कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप भी है।
सीबीआई ने इन घोटालों की जांच के लिए एम्स ऋषिकेश के कई दस्तावेजों को जब्त किया था। सीबीआई ने इन घोटालों के आरोपियों को भी पूछताछ की थी। जांच के बाद सीबीआई ने इन घोटालों के के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।
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