उत्तराखंड के देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में आज भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थियों का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इसके साथ ही वानिकी के क्षेत्र में देश को पैंसठ और भूटान को दो आईएफएस अधिकारी मिल गए है। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये भारत सरकार के वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव चंद्र प्रकाश गोयल ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी युवा अधिकारियों को भविष्य में उनके सामने आने वाली कठिन चुनौतियों के लिए तैयार करता है। श्री गोयल ने कहा कि प्रकृति संरक्षण और विकास के बीच समन्वय कायम करने की जरूरत है, क्योंकि ये दोनो मानवता के लिये समान रूप से महत्वपूर्ण है। वर्ष 2021-23 कोर्स के विभिन्न पुरस्कार पाने वाले प्रशिक्षु अधिकारियों ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान उन्हे वानिकी और शासन के विभिन्न पक्षों के विषय में काफी कुछ जानने और समझने का मौका मिला। प्रशिक्षु निधि चौहान ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान उन्हें व्यवहारिक चुनौतियों से निपटने की जानकारी दी गई। गौरतलब है कि भारतीय वन सेवा अधिकारियों को परिवीक्षाधीन और सेवाकालीन प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी भारत में शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान है, जो भारत में वन संसाधनों के साथ-साथ मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन के लिए उत्तरदायी है।
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