उत्तराखंड के विकास को गति देने के लिए सरकार ने नीति आयोग के सामने ग्रीन बोनस, आपदा प्रबंधन, कृषि, उद्योग, शहरी विकास, शिक्षा और संचार समेत कई अहम मुद्दों पर ठोस सुझाव रखे हैं। पार्टी ने विशेष रूप से पर्यावरण में राज्य के योगदान को रेखांकित करते हुए नदियों पर रॉयल्टी, कार्बन डेटिंग अंशदान, फॉरेस्ट वारियर की नियुक्ति और सोलर फेंसिंग जैसी योजनाओं के लिए केंद्रीय सहायता मांगी है।
नीति आयोग के सामने रखी उत्तराखंड की मांगें⤵️
20 सूत्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला ने आयोग के सामने राज्य की स्थिति और आवश्यकताओं को विस्तार से रखा।प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि उत्तराखंड देश का एकमात्र राज्य है, जिसने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू किया और सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में अग्रणी रहा है।
हाइड्रो प्रोजेक्ट्स के लिए केंद्र से मांगी मदद⤵️
बैठक में कहा कि शहरीकरण, तीर्थाटन, फिल्म निर्माण और पर्यटन को देखते हुए उत्तराखंड को विशेष शहरी अवस्थापना सहायता की जरूरत है. साथ ही हाइड्रो प्रोजेक्ट्स और सॉलिड वेस्ट टू एनर्जी यूनिट जैसे उपायों पर केंद्र सरकार की मदद की अपेक्षा जताई।
बैठक में दिया फॉरेस्ट वारियर तैनात करने का सुझाव⤵️
बैठक में वनाग्नि और आपदाओं की बढ़ती घटनाओं को लेकर स्थायी आपदा प्रबंधन व्यवस्था की मांग की। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को शामिल कर फॉरेस्ट वारियर तैनात करने का सुझाव भी दिया गया। बैठक में कृषि और बागवानी में वन्यजीवों से हो रहे नुकसान को रोकने के लिए सोलर फेंसिंग की मांग की।
नदियों के पुनर्जीवन पर दिया बल⤵️
वहीं बैठक में राज्य के कच्चे माल पर आधारित उद्योगों के विकास को प्राथमिकता देने की बात कही। साथ ही खेलों, जल जीवन मिशन, तीर्थ और साहसिक पर्यटन को देखते हुए बेहतर कनेक्टिविटी, हेली सेवा, रेल और मेट्रो नेटवर्क विस्तार के लिए भी मदद मांगी. बैठक में प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण, नदियों के पुनर्जीवन और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए भारत सरकार के सहयोग की जरूरत पर बल दिया।
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