उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने ऋषिकेश और भानियावाला के बीच प्रस्तावित 3300 पेड़ों के कटान पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी है। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 21 मार्च की तिथि तय की है।
देहरादून निवासी रीनू पाल की ऋषिकेश और भानियावाला के बीच 3300 पेड़ों के कटान संबंधी जनहित याचिका में उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने न्यायालय को बताया की सड़क चौड़ीकरण एलीफेंट कॉरिडोर के मध्य में आता है और पूर्व में भी उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद शिवालिक एलीफेंट रिजर्व को संरक्षित रखा गया था।
सरकार की ओर से कहा गया कि वह हाथियों की आवाजाही सुनिश्चित करती आ रही है। मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्द्र और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल को निर्देशित करते हुए कहा कि वो अपने वन अधिकारियों को सूचित कर अगली सुनवाई तक पेड़ों के कटान पर रोक लगाने को कहा।
खंडपीठ ने सरकार से सभी अनुमतियों को उनके सामने प्रस्तुत करने को कहा। याचिकाकर्ता को भी कहा गया है कि वह गूगल इमेज के जरिए कॉरिडोर सड़क के कौन कौन से भाग से निकलता है, वह न्यायालय में पेश करेंगे। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 21 मार्च की तिथि तय की है।
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