उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित मुनस्यारी क्षेत्र के मापांग इलाके के पास छिरकानी में हाल ही में एक ग्लेशियर के खिसकने की घटना ने स्थानीय निवासियों और सुरक्षा बलों के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न कर दी है। इस घटना के कारण, मुनस्यारी से मिलम तक जाने वाला महत्वपूर्ण मार्ग अवरुद्ध हो गया है, जिससे न केवल स्थानीय लोगों का आवागमन प्रभावित हुआ है, बल्कि सीमा पर तैनात जवानों के लिए भी चुनौतियां बढ़ गई हैं।
मुनस्यारी-मिलम मार्ग का यह हिस्सा, जो कि भारत-चीन सीमा के निकट है, सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। इस मार्ग का उपयोग सीमा पर तैनात जवानों के लिए आपूर्ति और संचार के माध्यम के रूप में होता है। ग्लेशियर के खिसकने से यह मार्ग बंद हो जाने के कारण, जवानों को अपने आवश्यक सामग्री और संचार उपकरणों के लिए वैकल्पिक मार्गों की तलाश करनी पड़ रही है, जिससे उनके ऑपरेशनल कार्यों में बाधा आ रही है।
इसके अलावा, इस क्षेत्र में पलायन करने वाले 13 गांवों के निवासियों के लिए भी यह एक बड़ी समस्या है। प्रत्येक वर्ष, इन गांवों के लोग अपने पशुधन के साथ ऊंचाई वाले चरागाहों की ओर पलायन करते हैं, जिसे स्थानीय भाषा में ‘माइग्रेशन’ कहा जाता है। इस मार्ग के बंद होने से उनकी यह प्राचीन परंपरा और जीवनयापन का तरीका प्रभावित हो रहा है।
स्थानीय प्रशासन और सरकार इस समस्या के समाधान के लिए प्रयासरत हैं। आपातकालीन सेवाओं और राहत कार्यों के लिए अस्थायी मार्गों का निर्माण, ग्लेशियर के खिसकने की निगरानी और भविष्य में ऐसी घटनाओं के जोखिम को कम करने के उपायों पर काम किया जा रहा है। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों के जीवन में बाधा उत्पन्न की है, बल्कि यह भी दिखाया है कि पर्यावरणीय परिवर्तन किस प्रकार से हमारे सामरिक और सामाजिक ढांचे पर प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए, इस तरह की घटनाओं के प्रति सजग रहना और उनके निवारण के लिए तत्पर रहना अत्यंत आवश्यक है।
More Stories
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर गुरु रविदास जयन्ती के अवसर पर राज्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के विख्यात हास्य कलाकार घनानंद ‘घन्ना भाई’ के निधन पर उनके आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी
साइबर ठगो ने पीसीएस अधिकारी का खाता किया खाली